गोरखपुर। निश्चित रूप से यह आपदा की घड़ी हम सबके लिए एक चुनौती लेकर आयी है, एक तरफ भय है तो एक तरफ कर्तव्य बोध। हमे यह याद रखना है कि यही हमारा कर्तव्य बोध हमे समाज मे सम्मान, परिवार और सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के लिये अर्थ दिलाता है। हमारा यही कर्तव्य बोध हमे एक आम इन्सान से अलग पहचान और आम आदमी के दिलो दिमाग मे सम्मान पैदा करता है। एक कर्मचारी के मात्र घोषित कर्तव्य ही नहीं होते वरन कुछ अघोषित नैतिक कर्तव्य भी होते हैं, जिसको हर कर्मचारी को ऐसे आपदा के समय निर्वहन करना पडता है। और यही अघोषित नैतिक कर्तव्य पूरे समाज की नजर मे पूरे कर्मचारी समुदाय के सम्मान का आधार होता है।
अभी आम जनता अपने अपने घरो से स्वत: बाहर नहीं निकल रही है, उसकी एक वजह आपका योगदान भी है जो आम जनमानस को बाहरी दुनियाँ से इन्टरनेट, ह्वाटसैप, फेसबुक, इन्सटाग्राम इत्यादि के माध्यम से जोडे़ हुये है। मनोरंजन के अन्य साधन, समाचार, बैकिंग सेवाये, मेडिकल सेवाये, सभी प्रकार की सूचना सेवाये भी आम जनमानस को आपकी कर्तव्य निष्ठा से उपलब्ध हो रहा है जिससे जनता निरन्तर अपने आप अपडेट हो रही है और सब लोग खुशी-खुशी अपने को आइसोलेट कर रहे हैं। जरा कल्पना कीजिए यदि संचार सेवाये बाधित हो जायेगी तो क्या स्थिति होगी।तरह-तरह की अफवाहे, शंकाये फैलने लगेगी और लोग आइसोलेसन तोड़ने लगेगे। उनको घरो मे रोकना मुश्किल हो जायेगा और जिस पवित्र उद्देश्य से हमारी सरकार ने इतना महत्वपूर्ण और साहसिक फैसला लिया है, उसका फलीभूत होना मुश्किल हो जायेगा।
अतः सभी बीएसएनएल कर्मीयों से यह अनुरोध और अपेक्षा की जाती है कि अपने आप को सुरक्षित रखते हुये अपने नैतिक कर्तव्यो की पूर्ति मे अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान कर राष्ट्र और समाज के प्रति अपना निष्ठा के नये आयाम स्थापित कर समस्त कर्मचारी समुदाय को सम्मानित करे, और कर्मचारी और कर्मचारी समुदाय की सार्थकता को स्थापित करें।
शुभकामनाओं सहित!
आपका कर्मचारी मित्र
महाप्रबन्धक कार्यालय
बीएसएनएल, गोरखपुर