आक्सीजन देकर हमें जीवन देती हैं वनस्पतियां : डा० गणेश पाठक


बलिया।  अमरनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया के प्राचार्य एवं पर्यावरणविद् डा० गणेशकुमार पाठक ने एक भेंटवार्ता में बताया कि वनस्पतियां आक्सीजन देकर हमें जीवन प्रदान करती हैं। कारण कि बिना आक्सीजन के हम जीवित रह ही नहीं सकते और पेड़-पौधे जीवनदायिनी गैस आक्सीजन छोड़ते हैं एवं हमारे द्वारा छोड़ी गयी विषैली गैस कार्बन-डाई-आक्साइड को ग्रहण करते हैं। किन्तु रात में ये पेड़-पौधे कार्बन-डाई-आक्साइड छोड़ते हैं एवं आक्सीजन ग्रहण करते हैं। 


कुछ पौधे ऐसे भी होते हैं जो रात में भी आक्सीजन छोड़ते हैं। जैसे-पीपल, नीम, तुलसी, एलोवेरा, एक्समस कैक्टस, सर्पेन्टाइल (स्नेक प्लाण्ट), आर्चिड्स, आरेंजग्रेवेरा आदि ऐसे पेड़-पौधै हैं जो रात में भी आक्सीजन छोड़ते हैं।


इसी तरह कुछ समुद्री पौधे भी हैं जो सबसे अधिक आक्सीजन छोड़ते हें। वैज्ञानिकों के अनुसार 70-80 प्रतिशत आक्सीजन इन समुद्री पौधों से ही उत्पन्न होते हैं। स्थलीय पौधों की तुलना में समुद्री पौधों से अधिक आक्सीजन प्राप्त होता है। अधिक पत्तियों वाले पौधे अधिक आक्सीजन छोड़ते हैं, कारण कि पेड़-पौधे अपने पत्तियों के माध्यम से ही आक्सीजन छोड़ते हैं। पत्तियाँ एक घण्टे में5 मिलीलीटर आक्सीजन उत्पन्न करती हैं।


पीपल का पौधा सबसे अधिक आक्सीजन दने वाला पौधा है जो रात में भी आक्सीजन देता है एवं 22 घण्टे से अधिक समय तक आक्सीजन देता है। बांस का पौधा भी अन्य पेड़ों की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक आक्सीजन देता है। नीम, बरगद एवं तुलसी का पौधा भी 20 घण्टे से अधिक समय तक आक्सीजन देता हे।


इस प्रकार स्पष्ट है कि वनस्पतियों से ही हमारा जीवन है। वनस्पतियां नहीं होती तो हमें आक्सीजन नहीं मिलता और हमें आक्सीजन नहीं मिलता तो हमारा जीवन नहीं होता। आश्चर्य तै इस बात का है जीवन प्रदायी इन वनस्पतियों को भी हम अपने स्वार्थ बस बिना सोचे समझे अपने विकास की अंधी दौड़ में विनष्ट करते जा रहे हैं। अनेक वन वृक्ष तो ऐसे हैं जो सदैव के लिए समाप्त हो गये। अतः यदि जीवन को बचना है, भविष्य को सुरक्षित रखना है तो वृक्षों को बचाना होगा। उन्हें सुरक्षित एवं संरक्षित करना होगा, अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब हम अपना विनाश अपने ही हाथों कर डालेंगे और अन्ततः कुछ नहीं कर पायेंगे।