बलिया। प्रधानमंत्री ने देश की जनता से रविवार को जनता कर्फ्यू की अपील की है। इसका मूल मकसद कोरोना के वायरस के चक्र को तोड़ना है, ताकि इसके फैलाव को जल्द रोका जा सके। इस अपील का वैज्ञानिक आधार भी है। चिकित्सकों का कहना है कि यह कोरोना वायरस को फैलने से रोकने का एक कारगर तरीका है। लोग एक दूसरे से नहीं मिलेंगे तो कोरोना को नए कैरियर नहीं मिल पाएंगे। जानकारों का मानना है कि 14 घंटे के ब्रेक से संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है। जाहिर तौर पर जनता कर्फ्यू से संक्रमण का खतरा कम होगा। इसलिए प्रधानमंत्री की अपील को गंभीरता से लें और एक सभ्य व अनुशासित नागरिक होने का परिचय दें।
कैसे फैलता है कोरोना का संक्रमण
विशेषज्ञ डाक्टरों के मुताबिक कोरोना संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो उसके मुंह के लार की छीटें या तो पास खड़े व्यक्ति पर जा पड़ती हैए या फिर आसपास की वस्तुओं की सतह पर चिपक जाती हैं। यहां तक के मेटल पर भी कोरोना संक्रमण का सर्वाइवल बना रहता है। ऐसे में संक्रमित वस्तुओं की सतह छूने से संक्रमण व्यक्ति के हाथ में चला जाता है। संक्रमित हाथ को नाकए मुंह या फिर आंख में लगाने से यह उस अगले व्यक्ति को संक्रमित करने में कामयाब हो जाता है। यह पूरी प्रक्रिया संक्रमित व्यक्ति के बोलने से भी हो सकती हैए क्योंकि बोलते समय भी मुंह की लार की छीटें निकलने की आशंका बनी रहती है। चिकित्सकों का कहना है कि यह वायरस किसी व्यक्ति को कैरियर (वाहक) बनाए बिना केवल 12 से 14 घंटे तक ही जीवित रह सकता है। प्रधानमंत्री की अपील के पीछे मंशा बस यही है कि संक्रमण को 14 घंटे तक कैरियर न मिल पाए। तो हम प्रण लेते हैं कि प्रधानमंत्री की उम्मीद पर खरे उतरेंगे और कोरोना के खिलाफ जंग को अंजाम देकर ही दम लेंगे।
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अमला जुटा
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ ही प्रशासनिक अमला भी जुटा हुआ है। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जन प्रतिनिधि भी लोगों से अपील कर रहे हैं कि वह घरों से बाहर न निकलें। उनके एक दिन के इस तरह के बर्ताव से कोरोना जैसी महामारी को फैलने से रोका जा सकता है। अनावश्यक इधर-उधर घूमने से संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता। विदेश यात्रा की हिस्ट्री वाले या फिर ऐसे लोगों के संपर्क वाले व्यक्तियों, जिन्हें 14 दिन तक होम आइसोलेशन की सलाह दी गई है, यदि संबंधित लोगों ने होम आइसोलेशन की सलाह मानने में कोताही बरती तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रीतम कुमार मिश्र ने लोगों से अपील की है कि सभी जनता कर्फ्यू में अपना योगदान कर स्वास्थ्य विभाग की मदद करें। जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि लोग अपने घरों से न निकलेंए जब लोग एक दूसरे मिलेंगे नहीं तो पूरा देश एक साथ आइसोलेट हो जाएगा और हम वायरस के संक्रमण पर पर काबू कर सकेंगे। सीएमओ ने कहा खांसी जुकाम होने का मतलब यह नहीं कि कोरोना के लक्षण हो गये। केवल उन्हीं लोगों को इसका खतरा हो सकता है जो विदेश से लौटे हैं या विदेश से आये लोगों के संपर्क में आये हैं। उन्होंने कहा कोई आशंका होने पर कार्यलय मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलिया के संक्रामक रोग नियंत्रण कक्ष में दूरभाष नंबर – 05498-220723/ हेल्प लाइन नं०-18001805145 पुलिस हेल्प के लिए 112 और एंबुलेंस सेवा के लिए 108 पर संपर्क कर सकते हैं। किसी को भी अस्पताल तक दौड़ लगाने की जरूरत नहीं है। जरूरत होने पर स्वास्थ्य विभाग आपके घर पर टीम भेजेगा।
इन बातों को ध्यान रखकर भी कर सकते हैं बचाव
कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर भी कोरोना संक्रमण से बचाव किया जा सकता है। सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। लिफ्ट का प्रयोग करने से बचें। इसके कॉमन कोरिडोर के दरवाजों के हैंडल छूने से बचें। किसी भी कॉमन वस्तु को छूने के तुरंत बाद साबुन-पानी से हाथ धोएं या फिर सैनिटाइजर से हाथों को साफ करें। बार-बार अपने हाथों का चेहरे पर न लगाएं। किसी व्यक्ति के सामने से खांसने या छींकने पर कुछ समय के लिए सांस रोक लें। कमरे का तापमान ज्यादा रखें। इसके अलावा घर को हवादार बनाए रखें। दूसरों को मोबाइल न इस्तेमाल करें।
जीवन से जरूरी कोई काम नहीं
नेशनल इंशोरेंस कम्पनी में काम करने वाले तेज प्रकाश ने कहा कि मैं न केवल जनता कर्फ्यू का पालन करूंगा बल्कि आसपास और अपने जानपहचान वाले लोगों से भी इसमें पूरी सहभागिता कराने का प्रयास करुंगा। जीवन से जरूरी कोई काम नहीं हो सकताए इसलिए हमें जनता कर्फ्यू को सफल बनाना है।
धर्मगुरूओं ने भी मोर्चा संभाला-
शहर में धर्मगुरूओं ने भी लोगों से अपील की है कि वह प्रधानमंत्री की अपील पर जनता कर्फ्यू को सफल बनाएं। लोगों के एक दिन के प्रयास से कोरोना वायरस को काफी हद तक मात दी जा सकती है।