लखनऊः 16 मार्च, 2020। सचिव, उत्तर प्रदेश शासन भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने कार्यदायी संस्थाओं को आपूर्तित उपखनिजों पर देय रायल्टी के भुगतान की प्रक्रिया के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने प्रदेश के अपर मुख्य सचिवों/प्रमुख सचिवों व सचिवों को परिपत्र भेजकर अनुरोध किया है कि कार्यदायी संस्थाओं में ठेकेदारों के प्रस्तुत बिलों से प्रयुक्त उपखनिज की मात्रा के सापेक्ष देय रायल्टी पर कटौती कर उसे कार्यदायी विभाग अपने खाते में आरक्षित करेंगे।
कार्यदायी संस्थाओं में प्रयुक्त उपखनिजों के संबंध में ठेकेदारों द्वारा प्रस्तुत परिवहन प्रपत्रों का सत्यापन कार्यदायी संस्था द्वारा उस जनपद के खान अधिकारी/खान निरीक्षक से कराया जायेगा, जहां कार्यदायी संस्था द्वारा निर्माण कार्य किया गया है/कराया जा रहा है। परिवहन प्रपत्रों के उक्तानुसार सत्यापन की कार्यवाही किये जाने के उपरान्त प्रपत्र वैध/सही पाये जाने पर ठेकेदार के बिल से रायल्टी के मद में कटौती की गई धनराशि उसे वापस कर दी जायेगी। परिवहन प्रपत्र के सत्यापन के उपरान्त उसे त्रुटिपूर्ण/अवैध पाये जाने पर रायल्टी मद में कार्यदायी संस्था द्वारा काटी गई धनराशि भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के लेखा शीर्षक में जमा करायी जायेगी तथा ठेकेदार के विरुद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।