मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पेश किया 'तीन साल के कार्यकाल' का रिपोर्ट कार्ड, जानें अहम बातें



लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में बीजेपी (BJP) सरकार के तीन साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने बुधवार को रिपोर्ट कार्ड पेश किया. लखनऊ में आयोजित 'तीन साल, बेमिसाल' कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा, 'देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की देखरेख में प्रदेश सरकार ने सराहनीय काम किया है. इन तीन सालों में सरकार ने चुनौतियों को अवसरों में बदलने का काम किया है. यूपी में हर क्षेत्र में सरकार ने नए कीर्तिमान बनाए.'

प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था सरकार के सामने एक चुनौती थी. सरकार के प्रयासों से कानून व्यवस्था में सुधार आया है. प्रदेश की कानून-व्यवस्था बेहतर हुई है. उन्‍होंने दावा किया कि पिछले तीन वर्षों में उत्‍तर प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ. इतना ही नहीं, अपराध के अन्य मामलों में भी कमी आई है. इसके साथ ही पुलिस को आधुनिक बनाने में भी सरकार ने काफी काम किया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री के कई योजनाओं को गरीब और पिछड़ों तक पहुंचाने का काम सरकार ने किया. पिछले तीन वर्षों में 1.67 लाख घरों में बिजली पहुंचाई गई. इसके अलावा 30 लाख गरीब परिवारों को घर दिए गए.

*30 नए मेडिकल कॉलेज की शुरुआत*


मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनााि ने कहा पिछले तीन साल में 30 नए मेडिकल कॉलेज बनाने की शुरुआत की गई. लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सभी जिलों तक पहुंचाई गई. स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई परिवर्तन किए गए. उन्‍होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज के माध्यम से सस्ती दवा समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई. इतना ही नहीं इसी सरकार के कार्यकाल में दो एम्स की शुरुआत की गई है. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने बताया कि सीएम आरोग्य मेले से गरीबों को लाभ मिला है.

*1.87 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि*


मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पिछले तीन वर्षों में यूपी हर क्षेत्र में नंबर वन रहा है. प्रदेश के 1 करोड़ 87 लाख किसानों को पीएम सम्मान निधि योजना का लाभ पहुंचाया गया. इसके अलावा 18 लंबित पड़ी सिंचाई परियाजनाओं की शुरुआत भी की गई. इससे 25 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई हो सकेगी. उन्‍होंने बताया कि 14 करोड़ यूनिट खाद्यान्न उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. किसानों की फसल की खरीद और फसलों के न्यूनतम खरीद मूल्य की व्यवस्था भी की गई.