सभी मित्रों को सादर व यथोचित अभिवादन


नवरात्र का समय है माता दुर्गा का पहरा जहां एक तरफ चल रहा है वहीं दूसरे तरफ कोरोना के महामारी से आज पूरा विश्व संकट ग्रस्त है,सम्पूर्ण मानव जाति पर खतरा मंडरा रहा है।
हमारे देश मे प्राचीन काल से ही धर्म व अध्यात्म में लोग विश्वास करते रहे हैं ऐसे में वेद व अन्य दूसरे धर्म ग्रंथो में बताये गए राह को अपना कर इस संकट से उबरा जा सकता है। वैदिक ग्रंथों में ऐसे अनेक मन्त्र उल्लिखित हैं जिनके उच्चारण मात्र से भारी से भारी संकट से उबरा जा सकता है।
सनातन धर्म मे देवी दुर्गा का आराधना वर्ष में दो बार करने की परम्परा चली आ रही है एक शारदीय नव रात्र और दूसरा जो वर्तमान में चल रहा है लोग देवी के मंदिरों में पूजा अर्चना करते हैं लेकिन आज लॉक डाउन के चलते घरों में देवी की आराधना की जा रही है।


मैं अपने इस ग्रुप के सभी सम्मानित सदस्यों से आग्रह करता हूँ कि इस वैश्विक संकट के दौर में इस महामारी से निपटने के लिए माँ दुर्गा की आराधना करें हवन करें और हवन सामग्री में दो चार लौंग इलायची, गुड़, घर में बने भोजन का कुछ अंश, नीम की पत्तियों को शामिल करें उससे हवन करें साथ ही शंख नाद सुबह शाम करें मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसा करने से आपके आसपास का वातावरण शुद्ध रहेगा और इस कॅरोना वायरस का प्रभाव नगण्य हो जाएगा।


सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
ॐ एंग हींग क्लिंग चामुण्डायै विच्चै नमः
ॐ द्रुम दुम दुर्गाये नमः
का जाप करते रहें।
ॐ प्रथमचरित्रस्य ब्रह्मा ऋषि,महाकाली देवता,गायत्री छन्दः,नन्दा शक्तिः,रक्तदंतिका बीजम,अग्निसत्वम,ऋग्वेद स्वरूपम,श्रीमहाकाली-प्रीत्यर्थे प्रथमचरित्रजपे विनियोगः।



                         रवीश पाण्डेय
                        सलेमपुर देवरिया