यदि धरती को बचाना है तो वनों को बचाना होगा : डा० गणेश पाठक


21 मार्च, विश्व वानिकी दिवस पर विशेष 

वनों एवं वृक्षों के महत्व एवं निरन्तर हो रहे इनके विनाश को देखते हुए ही 'यूरोपीय कृषि संघ' की 23वीं महसभा में 21 मार्च, 1971 को सर्वप्रथम "विश्व वानिकी दिवस" मनाने का निर्णय लिया गया और तब से प्रति वर्ष पूरे विश्व में प्रतिवर्ष 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस मनाया जाता है, जिसमें वन सम्पदा के संरक्षण, रख-रखाव एवं प्रबंधन हेतु मुहिम चलाई जाती है। विश्व वानिकी दिवस की सार्थकता एवं वनों तथा वृक्षों के महत्व तथा उनके संरक्षण हेतु अमरनाथ मिश्र पी. जी. कालेज दूबछपरा,बलिया के पूर्व प्राचार्य एवं, समग्र विकास तथा शोध संस्थान के सचिव पर्यावरणविद् डा० गणेश कुमार पाठक ने एक भेंटवार्ता में बताया कि यदि वनों का इसी तरह विनाश होता रहा और उनका संरक्षण नहीं किया गया तो पृथ्वी का भी विनाश अवश्यम्भावी है।