कल रामायण देख के एक बात का तो पता लगा की भारत मे डॉक्टर की इतनी स्थिती इतनी ख़राब क्यों हैं ? ये रामायण के वक्त से ही चल रहा हैं ! एक तो डॉक्टर सुषेण को बिना खुद की अनुमति के हनुमानजी उठा के लेके आ गए फिर उनको ज़बर्दस्ती शपथ का हवाला देकर इलाज करवाया गया । हनुमान जी को बिना Prescription दिए दवाई लेने भेज दिया गया ! और वो पुरा मेडिकल स्टोर ही लेकर आ गए! और जब लक्ष्मण ठीक हो गए तो सारा credit हनुमानजी को दे दिया और बेचारा डॉक्टर सुषेण को कोई पुछ ही नही रहा था ! काम निकल जाने के बाद डॉक्टर सुषेण की कोई इज्ज़त नही! राम जी भी कहते हैं की संकट मोचन हनुमान ने ही ठीक किया हैं लखन को! उसके बाद डॉक्टर सुषेण को credit तो छोड़ो, ना तो फ़ीस दी गई और ना ही उनको वापस घर पर छोड कर आये ! उसके बाद मे डॉक्टर का पता नही क्या हुआ?
आज से लाखो साल पहले भी डॉक्टर के साथ ऐसा ही होता था।