गिरफ्तारी के बिरोध मे भूख हड़ताल पर रहे बुद्धिजीवी





अखिल भारत शिक्षा अधिकार मंच के आह्वान पर मंच के अध्यक्ष मंडल के सदस्य प्रोफेसर आनंद तेलतुम्बड़े एवं पत्रकार तथा मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नौलखा के गिरफ्तारी के विरोध में राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे विरोध के क्रम में आज सुबह से शाम 5:00 बजे तक आंदोलन से जुड़े लोगों ने अपने अपने आवास पर भूख हड़ताल किया और अपने संवैधानिक अधिकारों को याद करते हुए संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया ।


डॉक्टर अंबेडकर जयंती ,राहुल सांकृत्यायन की पुण्यतिथि और सतुवान के त्यौहार तथा घोषित राष्ट्रीय महामारी कोरोना के समय में ,तानाशाह एवं जन विरोधी सरकार द्वारा गरीबों के पक्ष में सोचने और लिखने वालों को झूठे आरोपों में गिरफ्तार किया जा रहा है ।यह बहुत ही दुखद एवं निंदनीय है ।आज जब सामाजिक विदेश फैलाने वालों के हौसले बुलंद हैं, आर्थिक अपराधियों एवं अनैतिक आचरण करने वालों को सत्ता का संरक्षण मिल रहा है ,यह दुखद है।


 प्रो आनंद तेलतुंबडे समान, पूर्णतया मुक्त एवं पड़ोसी स्कूल की व्यवस्था पर आधारित शिक्षा आंदोलन के लिए काम करते रहे हैं। उनकी 27 पुस्तकें हैं और विश्वस्तरीय विचारक होने के साथ ही बाबा साहेब डीआर अंबेडकर के परिवार से जुड़े हैं ।अंबेडकर जयंती पर उनकी गिरफ्तारी पूरे समाज के लिए अपमानजनक है। इस मुद्दे पर सामान शिक्षा आंदोलन के नेता डॉ चतुरानन ओझा ,भाकपा माले के जिला सचिव का रामकिशोर वर्मा, राष्ट्रीय समानता दल के प्रदेश अध्यक्ष संजयदीप कुशवाहा ने दिनभर का भूख हड़ताल रखा  और सायं 5:00 बजे संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई ।किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवाजी राय, कर्नल प्रमोद शर्मा ने भी गिरफ्तारी का विरोध  किया है ।


Chaturanan ojha
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