जे. पी.नड्डा पटना मे जे.पी. आंदोलन से राजनीति कर भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष तक की राह तय किये : शिवाकांत


जगत प्रकाश नड्डा ने अपनी राजनीतिक शुरुआत 1975 मे जयप्रकाश  नारायण आंदोलन से पटना से प्रारम्भ किया   और बिद्यार्थी  परिषद से जूड़े और 1983 में हिमांचल बिश्वबिद्यालय से बिद्यार्थी परिषद से चुनाव जीतकर अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए। उन्होने एल.एल.बी. की शिक्षा प्राप्त भी किये।


राजनीति से अपने कर‍ियर की शुरुआत की और एक बड़ी ऊंचाई हासिल की। अपने कुशल नेतृत्‍व और सांगठनिक क्षमता के कारण वह निंरतर ऊच्‍च पदों पर आसीन रहे। यही वजह है कि भाजपा नेतृत्‍व ने एक बार उन पर फ‍िर भेरासा जताते हुए अमित शाह का उत्‍तराधिकारी चुना है। आइए हम आपको बताते हैं उनके छात्र राजनीति के संघर्ष से लेकर भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष तक के सफर का सफरनामा। इसके साथ उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं को जो अब तक मीडिया में नहीं आई है। इसके साथ यह भी बताएंगे कि मोदी से उनके क्‍यों अच्‍छे रिश्‍ते रहे। 


हिमाचल प्रदेश में मोदी से बने नजदीक रिश्‍ते


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ जेपी नड्डा के अटूट रिश्‍ते रहे हैं। दरअसल, नरेंद्र मोदी जब हिमाचल प्रदेश के प्रभारी हुआ करते थे उस वक्‍त नड्डा की हिमाचल प्रदेश में लोकप्रियता से बेहद प्रभावित थे। इसी दौरान दोनों नेता एक दूसरे के निकट आए। दोनों नेताओं को एक साथ काम करने का मौका मिला। उस दौरान कई बार दोनों नेता अशोक रोड स्थित भाजपा मुख्‍यालय में एक साथ रहते थे। यही वजह रही कि 2014 में जब केंद्र में मोदी की सरकार बनी तो उन्‍हें केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बनाया गया।


आज कारोना वायरस जैसी महमारी  मे भी अपने कर्तव्यो का पालन करते हुए जे.पी.नड्डा देश पर अपनी नजर बनायें हुए हैं। पार्टी  के  सांसद, मंत्री, प्रदेशअध्यक्ष, व कार्यकर्ताओ से   संवाद करते रहते हैं बीच-बीच मे टी वी चैनल सोशल मीडिया आई .टी. सेल के माध्यम से कारोना से बचाव के लिये लाक डाउन का पालन करने गरीबो की सहायता के लिये पार्टी  के कार्यकर्ता को सहयोग देश के लिये करने की बात का संदेश   देते हैं।


पहली बार 1993 में हिमाचल प्रदेश से विधायक चुने गये थे. उसके बाद वे राज्य और केंद्र में मंत्री भी रहे हैं.


वे 1994 से 1998 तक विधानसभा में पार्टी के नेता भी रहे.


इसके बाद वे दुबारा 1998 में फिर विधायक चुने गये. इस बार उन्हें स्वास्थ्य और संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया.


2007 में उन्हें फिर से चुनाव जीतने का अवसर मिला और प्रेम कुमार धूमल की सरकार में उन्हें वन-पर्यावरण, विज्ञान व टेक्नालॉजी विभाग का मंत्री बनाया गया.


2012 में जेपी नड्डा को राज्यसभा का सांसद चुना गया. उन्हें मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय की


20 जनवरी 2020 को उन्हें भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।


आज कारोना वायरस जैसी महमारी में भी अपने कर्तव्यो का पालन करते हुए जे.पी. नड्डा देश पर अपनी नजर बनायें हुए हैं। पार्टी के सांसद, मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, व कार्यकर्ताओ से   संवाद करते रहते हैं बीच-बीच में टी वी चैनल सोशल मीडिया आई .टी. सेल के माध्यम से कारोना से बचाव के लिये लाक डाउन का पालन करने गरीबो की सहायता के  लिये पार्टी के कार्यकर्ता को सहयोग देश के लिये करने की बात का संदेश  देते हैं।