केंद्र सरकार ने कहा-यदि तबलीगी जमात की घटना न होती तो कोरोना के फैलने की दर बहुत कम होती

 

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने रविवार को बताया कि देश के 274 जिले कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित हैं। बीते 24 घंटे में 472 नए मामले सामने आए हैं। देश में कोरोना संक्रमण से अब तक 79 लोगों की जान चली गई है। हालांकि 267 लोग इस बीमारी से ठीक भी हुए हैं।


केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने बताया–देश में अब तक कोरोना वायरस के 3374 मामले सामने आए हैं। उन्‍होंने बताया कि मौजूदा वक्‍त में कोरना संक्रमण के फैलने की डबलिंग रेट 4.1 दिन है। यदि तबलीगी जमात की घटना नहीं होती तो यह रेट और कम लगभग 7.4 दिन पर होती।


स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव ने यह भी बताया कि डबलिंग रेट उसे कहते हैं जितने दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले दोगुने हो जाते हैं। उन्‍होंने बताया कि मुख्‍य सचिव ने आज देश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारियों, स्‍टेट सर्विलेंस और जिला सर्विलेंस, राज्‍यों के चिकित्‍सा सचिवों और मुख्‍य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग करके कोरोना वायरस के मसले पर मौजूदा स्थितियों की समीक्षा की। फार्मा इकाइयों के निर्बाध संचालन के लिए कैबिनेट सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को दिशानिर्देश भी जारी किए हैं।


संयुक्‍त सचिव ने बताया कि समीक्षा बैठक के दौरान सभी जिलाधिकारियों ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अपने अनुभवों को भी साझा किया। मुख्‍य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से क्राइसिस मैनेजमेंट प्‍लान फॉर कोविड-19 बनाने के भी निर्देश जारी किए। इसके साथ ही आईसीएमआर ने कल एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि सभी कलस्‍टर और कंटेनमेंट जोन, लॉर्ज माइग्रेशन गैदरिंग और इवेक्‍वी सेंटर्स में कोविड-19 की मॉनीटरिंग के लिए एंडीबॉडीज टेस्‍ट के लिए गाइडलाइन पर ध्यान दें। आइसीएमआर ने कोरोना की जांच के लिए रक्त नमूनों से एंटीबाडी परीक्षण की मंजूरी दे दी है।


एंटीबाडी परीक्षण से जांच का परिणाम पंद्रह से बीस मिनट में मिल जायेगा। एंटीबाडी परीक्षण की एक सुविधा यह भी है कि कम समय में ज्यादा लोगों की जांच हो सकती है। इससे जो इलाके कोरोना से अधिक प्रभावित हैं वहां मरीजों की पुष्टि जल्दी करने के साथ उनका समय से इलाज करने में सुविधा होगी। सरकार ने अभी तक पीसीआर (पेरीमिरेज चेन रियेक्शन) टेस्ट की अनुमति दे रखी थी। मरीज के नाक व गले से लिए गये तरल नमूनों की इस जांच में अभी काफी वक्त लग रहा था।