कोरोना से जंग : जिला प्रशासन की सुपर-50 टीम ने कसी कमर



आवश्यकता पड़ी तो युद्ध का मैदान होगा अशर्फी अस्पताल


जिलाधिकारी ने अस्पताल पहुंच कर्मवीरों का बढ़ाया हौसला


25-25 सदस्यीय दो चिकित्सा दल 15-15 दिन करेगी काम


बलियाः कोरोना वायरस से जंग के लिए बलिया पूरी तरह तैयार है। जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही, संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन कुमार जैन व अन्नपूर्णा गर्ग के नेतृत्व में असर्फी अस्पताल में हर सुविधा से लैस 30 बेड तैयार रखा गया है। 25-25 सदस्यीय दो चिकित्सा दल भी बनाया गया है, जो 15-15 दिन काम करेगी। इस तरह जिला प्रशासन की सुपर-50 टीम ने पूरी तरह कमर कस ली है। जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने रविवार को असर्फी अस्पताल पहुंचकर दोनों टीम की हौसलाआफजाई की। भरोसा भी दिलाया कि हर परिस्थिति में सभी स्टाॅफ के साथ रहूंगा। वहीं, टीम में तैनात डाॅक्टर, फार्मासिस्ट, स्टाॅफ नर्स, वार्ड वाॅय व स्वीपर ने इस लड़ाई में अपने योगदान को सौभाग्य बताया।


अस्पताल पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लेने के बाद जिलाधिकारी ने सभी कर्मचारियों से बातचीत की और सभी को सलाम किया। कहा कि आज सबसे अहम रोल आप सभी कर्मवीरों का है। इस कोरोना जैसी आपदा की लड़ाई लड़ने में आप सबके इस योगदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा। भरोसा दिलाया कि इस संकट में आपके और आपके परिवार की देखभाल के लिए हम सबका सहयोग मिलेगा।  

ड्यूटी के बाद 14 दिन रहेंगे क्वारंटीन


जिलाधिकारी ने कहा कि दो चिकित्सा दल में एक दल 15 दिन ड्यूटी करेंगे। इसके बाद वह टीम 14 दिन क्वारंटीन रहेंगे। क्वारंटीन के लिए असर्फी अस्पताल के दूसरे तल पर व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा शहर का एक बेहतर होटल भी लिया गया है। उन्होंने कहा कि हम अपने कर्मवीरों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह संवेदनशील है।

पीपीई किट पहनाकर कराया डिस्प्ले


इलाज के लिए लगाई गई चिकित्सकीय टीम की सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा गया है। उनके लिए पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट मंगा ली गयी है। एक कर्मचारी को पूरा किट पहनाकर डिस्प्ले भी कराया गया। संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन ने इस किट के बारे में विधिवत जानकारी दी। श्री जैन ने कहा कि अभी तक कोरोना का कोई भी केस सामने नहीं आया है, लेकिन फिर भी हमारे पास 30 मरीजों के इलाज की पूरी तैयारी है।   

  *कोरोना के योद्धा---*


डर लगा, परिवार भी घबराया, पर याद आया डाॅक्टर का कर्तव्य


डाॅ. सीपी पांडेय ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, इस गंभीर बीमारी के लड़ी जा रही जंग में जब ड्यूटी लगी तो थोड़ा डर लगा, घर परिवार के लोग भी घबराए। पर डाॅक्टर की पढ़ाई के दौरान बताए गए कर्तव्य की याद आई। फिर निर्णय लिया कि यही समय है अपने दायित्वों के बेहतर ढ़ंग से निर्वहन का। जिला प्रशासन, खासकर संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन द्वारा जिस तरह आत्मविश्वास पैदा किया गया, उससे और बल मिला। जिस तरह इसके पहले भी कई गंभीर और लाईलाज बीमारी में हम डाॅक्टरों ने डटकर काम किया है, उसी तरह आज भी हम कोरोना से जंग को पूरी तरह तैयार हैं। 

सेना के जवान की तरह हम भी डटे रहेंगे


फार्मासिस्ट शैलेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि कोरोना के इस प्रकोप में काम करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन चिकित्सकीय स्टाॅफ का यही कर्तव्य निभाने का सही समय भी है। जब सेना के जवान विपरीत परिस्थिति में हर मौसम में खड़े रहकर काम कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं। अगर जवान बार्डर से वापस आ जाए तो क्या होगा। ठीक इसी तरह आज भी चिकित्सा पेशा से जुड़े हर स्टाॅफ को डटकर सेवा भाव से आगे रहना होगा। हम भी तब तक डटे रहेंगे जब तक कोरोना को भगा न दें। देश को इस आपदा से बचाने में हम सबका योगदान काफी सौभाग्यशाली क्षण है। 

प्रशासन से मिल रहा पूरा सहयोग


वार्ड वाॅय शारदानन्द ने कहा कि थोड़ी घबराहट हुई, लेकिन यहां आने के बाद अन्य कर्मियों से मिलने के बाद बल मिला। ऐसा लगा कि आफत के समय में ही बेहतर तरीके से योगदान देने का सही समय है। जिला प्रशासन की ओर से जिस तरह उत्साहवर्धन और हम सबके स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा रहा है, इससे भी काफी प्रोत्साहन मिला है। 

देश के लिए कुछ करने का सही समय


चिकित्सकीय दल की सदस्य स्टाॅफ नर्स पूनम वर्मा ने भी अपना अनुभव साझा किया। कहा कि इस महामारी के खिलाफ चल रही लड़ाई में मुझे लगाया गया है, यह मेरा सौभाग्य है। यही समय है जब अपने समाज व देश के लिए कुछ किया जाए। पूरे उत्साह के साथ पूनम ने कहा कि इस लडाई में जो कुछ भी करने की जिम्मेदारी मिलेगी, उसे बखूबी निर्वहन करूंगी। 

सबके साथ काम करने से मिल रही खुशी


स्वीपर गुलाब चन्द प्रसाद का भी उत्साह देखने लायक था। गुलाब चन्द ने कहा कि कोरोना को भगाने में डाॅक्टर, फार्माशिष्ट व अन्य स्टाॅफ के साथ काम करना सौभाग्य की बात है। इसमें थोड़ा डर जरूर लगा, पर सभी स्टाॅफ का साथ और जिला प्रशासन का भरपूर सहयोग जिस तरह मिला, उसके बाद डर पूरी तरह खत्म हो गया। आज हम टीम भावना के साथ इस लड़ाई को लड़ने के लिए तैयार है। 

पीपीई किट का निर्माण कर किया बड़ा काम


जब पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) किट की कमी हर जगह से सुनने में आ रही थी, ऐसे समय में स्थानीय स्तर पर पीपीई किट का निर्माण करने वाले उद्यमी सुरेंद्र सिंह छाबड़ा ने भी अपना अनुभाव सामने रखा। छाबड़ा ने कहा कि पीपीई किट की कमी की बात सुनने को मिली तो मेरा ध्यान गया कि क्यों न कोरोना की जंग लड़ने वाले योद्धाओं की सुरक्षा के लिए कुछ किया जाए। संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन का इसमें साथ मिला तो और बल मिला। निर्माण के बाद मेडिकली जांच के बाद इसे कर्मवीरों की सुरक्षा के लिए उपलब्ध कराया गया।