क्या है प्लाज्मा थैरेपी ? : डाॅ. पी के श्रीवास्तव


दिल्ली के मैक्स हास्पिटल में करोना से गम्भीर रूप से पीड़ित ब्यक्ति के ठीक होते ही , एक नयी उम्मीद का संचार हुआ है । इस थैरेपी के बाद मरीज चौथे दिन ही वेन्टिलेटर से सामान्य अवस्था में बाहर आ गया। मरीज आईसीयू से बाहर आ गया है।


मैक्स अस्पताल के निदेशक डा संदीप बुद्धिराजा ने बताया कि करोना से ठीक हुये ब्यक्ति से प्लाज्मा लेकर पीड़ित को चढाया गया ।यह इलाज असरदार साबित हुआ । अब मरीज की करोना रिपोर्ट निगेटिव आ गयी है, मरीज ने खाना भी शुरु कर दिया है ।डाक्टरों के मुताबिक मरीज बिल्कुल ठीक है ।
प्लाज्मा थैरेपी में करोना से ठीक हुये मरीज के खून से प्लाज्मा निकाल कर बिमार ब्यक्ति को चढाया जाता है। एक ब्यक्ति से अधिकतम ८०० मिलीलीटर प्लाज्मा लिया  जा सकता है। करोना से बिमार मरीज के शरीर में एन्टीवाडीज के रूप मे प्लाज्मा डालने के लिये लगभग २०० मिलीलीटर प्लाज्मा की आवश्यकता पड़ती है। अर्थात एक ब्यक्ति के प्लाज्मा से अधिकतम चार ब्यक्तियों का इलाज किया जा सकता है।


डाक्टरों नें कहा है कि इस थैरेपी सें सिर्फ गम्भीर रूप से बिमार रोगियों का ही इलाज किया जाय तो बेहतर है, क्यों कि अभी देश में करोना से ठीक हुये रोगियों की संख्या बहुत कम है और करोना प्रभावितों की संख्या बहुत ज्यादा ।
प्लाज्मा थैरेपी से करोना के सफल इलाज से उम्मीद की नयी किरण पैदा हुयी है ।मैक्स अस्पताल के डाक्टर बधाई के पात्र हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने भी प्लाज्मा थैरेपी से प्रदेश में करोना के इलाज किये जाने की घोषणा की है । उम्मीद है बहुत जल्द पूरे देश में इस थैरेपी से करोना का इलाज शुरु कर दिया जायेगा।