बेंगलुरू से पटना पहुंचे मजदूरों ने खोली दी सरकार की पोल : सुनन्दा सिंह 

 

बताया 950 का टिकट दे वसूला 1050 रू0 रेलभाड़ा

 

पटना। केन्द्र और राज्य सरकार के दावों की एकबार फिर पोल खुलती हुई दिख रही है। जी हां, केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा लगातार कहा जा रहा है कि प्रवासी मजदूरों से ट्रेन का किराया नहीं लिया जा रहा है लेकिन दूसरे प्रदेशों से बिहार आने वाले मजदूरों ने टिकट भी दिखाया और बताया कि कैसे उनसे टिकट के दाम के बदले अधिक रुपये लिए जा रहे हैं।






सरकार की खुली पोल

मंगलवार को बेंगलुरू से पटना पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सफर करने वाले मजदूरों ने आपबीती बतायी और कहा कि उन्होंने रेलभाड़ा दिया है। इस दौरान उन्होंने ट्रेन की टिकट भी दिखायी और केन्द्र और राज्य सरकार की पोल भी खोल दी। मजदूरों ने टिकट दिखाते हुए बताया कि उनसे 1050 रुपये वसूले गये हैं जबकि टिकट पर 910 रुपया अंकित था। यानी मजदूरों से टिकट तो कटवाया ही गया, साथ ही साथ मेहनतकश मजदूरों से अवैध वसूली भी की गयी। 910 रुपये की टिकट पर 1050 रुपये तक वसूले गये।


मजदूरों ने सुनायी आपबीती


इतना ही नहीं सरकार का ये भी दावा था कि ट्रेन में सवार यात्रियों को खाने-पीने की दिक्कत नहीं होगी लेकिन मजदूरों की माने तो वे उन्हें कुछ भी नहीं मिला बल्कि पेट दबाकर बेंगलुरु से पटना आना पड़ा। फिलहाल मजदूरों के इन दावों से केन्द्र और राज्य सरकारों की पोल खुलती हुई नजर आ रही है।


रेलभाड़ा पर गरमायी थी सियासत


विदित है कि सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी द्वारा मजदूरों का भाड़ा वहन करने के एलान के बाद केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने सफाई दी थी कि रेलवे 85 फीसदी और राज्य सरकारें 15 फीसदी किराया वहन करेंगी। इस मामले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी खुलकर सामने आए थे और वीडियो जारी कर कहा था कि राज्य सरकार रेलभाड़ा वहन करेगी लेकिन बेंगलुरु से पटना पहुंचे इन मजदूरों के दावों ने सच्चाई बयां कर दी है।