देवरिया सदर कारोना माहमारी ने देश को हिलाकर रख दिया है ईस बिषेश परिस्थिति मे गांव का गरीब भुखे सो रहा है मजदुर अपने मेहनत से जीविका पार्जन चलाता है लेकिन कारोना ने उसे रोने पर मजबूर कर दिया है सरकार की योजना व उसके दावे कितनी मजबुती देगी ये वक्त तय करेगा।
गरीब आदमी को योजना का लाभ नहीं मिल पाता है क्योकी उसकी शिक्षा उस मजदुर गरीब को उसकी मंजील तक नही पहुचने देती गांव व स्मार्ट सिटी का सपना भाजपा व मोदी सरकार सिर्फ दिखा रही है लेकिन अमल नही हो सका है। ये दूर्भाग्य है ईस देश की जनता के लिये मोदी सरकार बड़े सपने दिखाती तो है लेकिन इसे पुरा नही करती । छह साल बीत जाने के बाद भी विकास मे गाँव व गरीबो को जोड़ने मे असमर्थ रही है। आज भारत देश की जनता मजबूर है लेकिन भाजपा सरकार सिर्फ जातिवाद धर्मवाद की बात कर जनता को घुमाकर अपनी सरकार बनाने का कार्य कर रही है। गरीबो के पैसे व्यापारी के पैसे व किसानो के पैसे का उपयोग पूँजीपतियो को सौगात के रुप मे बाँटने की बजाय सरकार को जनता जनार्दन की भलाई के लिये करना चाहिये।
शिक्षा मित्र, किसान मित्र, पशु मित्र, आशा, आंगनबाडी कार्यकत्री, एन आई वो एस प्रशिक्षित शिक्षक, व्यापारी कल्याण योजना को सांसद भत्ते की तरह इन वर्गो के सम्मान में वेतन मान्देय पर बिचार करना चाहिए क्योकी ये भी समाज के एक अंग है। प्रदेश के योगी सरकार को धर्म का मतभेद भूलाकर सबका विकास की बात करनी चाहिए जो लोकतांत्रिक देश को मजबुत बनाने मे सहयोग कर सके। सबका साथ सबका विकास एक धोखा साबित हुआ है और देश सौ साल पीछे चला गया है। अभी ज्यादा देर नही हुयी है उचित होगा सरकार अपने पूर्वाग्रह से निकल कर देश हित और गरीबों मजदूरों के हित मे काम शुरू करे।