माँ जीवन की आधारशिला है जिसका कोई मोल नही : सुधा तिवारी


       माँ की ममता बरगद की छाँव


माँ जीवन की आधार है आज 9 मई है जिसे हम सब अपने जीवन के कलाकार के जन्मदिन के रुप में मनाते है आज इस मदर्श डे पर एक माँ के जीवन को अपने बच्चो के प्रति समर्पण पर है।


सलेमपुर नगर पंचायत के हरैय़ा वार्ड की शैल तिवारी ने अपने जीवन में माँ का फर्ज अपने बच्चो के जीवन को सवारने में लगा दिया। इनके पति भूपेन्द्र नाथ तिवारी का देहांत 1996 में हो गया उस वक्त शैल तिवारी के जीवन में बड़ी समस्या आ गयी लेकिन ईश्वर ने उन्हे धैर्य प्रदान किया शैल तिवारी की तीन लड़की व एक छोटा लड़का था उस मुश्किल वक्त उन्होने अपने बच्चो को शिक्षा देकर जीवन की नयी राह दी बड़ी लड़की लक्ष्मी मिश्रा व संतोषी की शादी कर उनके अपने जीवन को सवारने का मोँका  दिया वही छोटी लड़की सुधा तिवारी जो स्टाफ नर्श डी एस मिश्रा कालेज में  पढाई कर कारोना माहमारी में अपनी जान की बाजी लगाकर लोगो की सेवा भावना से कार्य कर रही है। शैल तिवारी के एकलोंते पुत्र विनय तिवारी भरत नाट्यम से जुड़कर अपने गुरू जी सरोजा बैद्यनाथन दिल्ली के सानिध्य में कार्य कर अपने पिता स्वo भूपेन्द्र नाथ जी व माता शैल तिवारी के सपनो को साकार करने में लगे है। सुधा तिवारी व विनय तिवारी से गुरुकुल वाणी से शिवाकांत तिवारी ने जब वार्ता किया तो सुधा तिवारी ने कहा कि आज मेरा जीवन मेरे माँ की देन है। वही बिनय तिवारी ने बताया कि पिता का साथ छुटने  के  बाबजुद  मेरी  माँ  ने  कभी  कोई  कमी नही  की उनके आशिर्वाद ने हमारे परिवार को एक नया जीवन दिया है। मैं अपनी माँ का शुक्र गुजार हूँ अब उनके जीवन का सपना मेरा आधार  है।


शिवाकान्‍त तिवारी