मजदूरों की पीड़ा कोई नही सुनता : सुनंदा



बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी व दिनारा विधान सभा क्षेत्र की भावी कांग्रेस उम्मीदवार सुनंदा सिंह ने मजदूर दिवस पर कहा कि जिलो, महानगरो बाजारों से भागता हुआ दो अदद रोटी की तलाश तुम्हारे मदद का मोहताज आज भी है और कल भी था। शहर के मुख्य चौराहों पर आज भी फावड़ा कन्नी हथौड़ा लेकर खड़ा होता हूं रोजगार की तलाश में खुद का भाव रोज तय करता हूं। पसीने से लथपथ कमीज से सीली हुई बीड़ी निकाल के जलाता है। पता न अच्छी है या बुरी पर पल भर को सुकून जरूर देती है। ये दूर तक फैली रोड मिलो लंबी रेल लाइने मैंने पग पग नापी है। गगनचुम्बी इमारतों से आखिरी छोर की ईंट लगाने में मैं ही जाता हूँ।तुम्हारे ऐशो आराम के एक एक चीज में मेरा ही खून पसीना शामिल है। मैं जहाँ था वही हूँ मेरी दलाली करने वाले बिचौलिए मेरे श्रम का वयापार करने वाले ठेकेदार आज सामाजिक संभ्रांत हो गए। मैं अपनी लाचारी अगली पीढ़ी को देकर मर जाऊंगा।


आखिरी विकास के लिए मजदूर तो चाहिए।और एक मई को बस याद करते रहें। यही मजदूरों की पीड़ा कोई सुनने वाला नही है। सरकारें भी इनके हितों को नजरअंदाज कर रही हैं।


रवीश पाण्डेय की रिपोर्ट