पण्डित नेहरू ने दिया देश की विकास को नया स्‍वरूप : विश्‍वामित्र पाण्डेय

छपरा बिहार भारत के पहले प्रधानमंत्री ,, एक वकालती रियासत में पैदा हुए, ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज विश्विद्यालय से कानून पढ़े बैरिस्टर! पंडित जवाहर लाल नेहरू!


एक विजनरी ,भारत को शिक्षा के नवीन मन्दिर देने वाले
शिक्षा से लेकर चिकित्सा और भारी उद्योग व विज्ञान पर उनका विजन हम, एम्स ,आईआईटी, आईआईएम, भाखड़ा नांगल, रिहंद बांध, बोकारोइस्पात , आईडीपीएल, भेल, व अन्य नवरत्न सार्वजनिक उपक्रम"


उनके बारे में भगत सिंह भी लिखते हैं, की भारत का खासकर पंजाब का भावुक युवा उनके मार्ग का अनुसरण करें,, एक उदार चरमपंथी,, युवाओं को वैज्ञानिक व प्रगतिशील विचारों की ओर ले वाले, डीआरडीवो, इसरो जैसे संस्थानों देने वाले! लगभग 50 किताबें लिखने वाले!


शीत युद्ध के दौर में,, जब सारी दुनिया दो धड़ो में बंटी थी तब ,, उनके गुटनिरपेक्ष आंदोलन के साथ 100 से अधिक देश उनके पीछे खड़े हुए! 


हर सूर्य का एक अस्तांचल होता है,, हमे अपने सूरज को सहेजना चाहिए!


उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें ,दिनकर, की इन पंक्तियों के साथ ,,नमन,,


समर शेष है, अभी मनुज भक्षी हुंकार रहे हैं 
गांधी का पी रुधिर, जवाहर पर फुंकार रहे हैं 


समर शेष है, अहंकार इनका हरना बाकी है 
वृक को दंतहीन, अहि को निर्विष करना बाकी है 


समर शेष है, शपथ धर्म की, लाना है वह काल 
विचरें अभय देश में गाँधी, और जवाहर लाल 


तिमिर पुत्र ये दस्यु कहीं, कोई दुष्काण्ड रचें ना 
सावधान हो खडी देश भर, में गाँधी की सेना 


बलि देकर भी बलि! स्नेह का यह मृदु व्रत साधो रे 
मंदिर औ' मस्जिद दोनों पर, एक तार बाँधो रे 


समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध 
जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी इतिहास