राष्ट्रीय कवि गिरिधर करूण ने मनायी अपनी पैसठवी सालगिरह



सलेमपुर, देवरिया। कस्‍बा सलेमपुर निवासी और सौन्दर्य रस के प्रख्यात राष्ट्रीय कवि ने अपने भरे पूरे परिवार के साथ अपनी शादी की पैसठवी सालगिरह धूमधाम से मनायी ।करूण जी का तीन बेटो और छह बेटियो का अपना भरपूरा संसार है और सभी बच्‍चो का अपना भरपूरा संसार, सभी बच्चे शादीशुदा और परिवार वाले है। करुण जी की तीसरी पीढी मे भी शादी ब्‍याह का सिलसिला चालू है और चौथी पीढी का भी आगमन शुरू हो गया है।


करुण जी भाटपार रानी मे स्थित मदन मोहन मालवीय महाविद्यालय से 25 साल पूर्व सेवानिवृत हुये और तबसे अपने पैतृक गाँव मे ही रह रहे हैं। और साहित्य सृजन मे लगे हैं। उन्‍होने करीब पचासों किताबे लिखी है। और हिन्दी साहित्य जगत मे उनकी कविताओं को बहुत सम्‍मान के साथ पढा जाता है। श्रृगार के दोनो विधाओ संयोग और वियोग दोनो पर अद्भुत पकड़ है, जो विरले ही देखने को मिलती है।


ब्‍यक्‍तिगत जीवन मे भी वे एक जिन्‍दादिल, मिलनसार और हँसमुख ब्‍यक्‍तित्‍व के ब्‍यक्‍ति है और उनसे नजदीकी संबन्ध वाले पन्द्रह से पच्‍चासी तक की उम्र वाले लोग है। कुल मिलाकर वे एक अद्भूत ब्‍यक्‍तित्‍व के स्‍वामी है और सलेमपुर और यहाँ के लोग अपना सौभाग्य मानते हैं कि ऐसे ब्‍यक्‍तित्‍व के धनी हमारे बीच से पैदा हुये।


गुरुकुल वाणी परिवार श्री और श्रीमती करूण को पैसठवी सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं देता है।