सरकार के बजट में किसान उपेक्षित-सुनंदा सिंह




दिनारा विधान सभा की बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेत्री व समाजसेवी सुनंदा सिंह ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही कि सरकार की तरफ से हर साल बजट में किसानों और मजदूरों के लिए करोड़ों के पैकेज का एलान होता है। वह सिर्फ कागज पर ही रहता है। लेकिन जरूरतमंदों तक कोई राशि नहीं पहुंचती यह बजट ब्लैक होल से भी ज्यादा खतरनाक है। और रहस्यमय है। यहां गरीबों के हिस्सों की रकम अमीरों पर खर्च होती है। हमें पता भी नहीं चलता।
लॉक डाउन से करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए।


लॉक डाउन के दो लक्ष्य हैं । बीमारी को रोकना और आने वाली बीमारी से लड़ने के लिए तैयारी करना। पर आज संक्रमण बढ़ रहा है और लॉक डाउन हम खोल रहे हैं । क्या इसका मतलब है की अचानक बगैर सोचे किए गए लॉक डाउन से सही नतीजा नहीं आया?


संक्रमण कैसे बढ़ रहा है?


कौन लाखों गरीब मजदूरों को सड़कों पर इस तरह से भूखे प्यासे पैदल चलने पर मजबूर कर दिया। अगर लॉक डाउन करने से पहले पूर्व की तैयारी करके होती तो शायद यह दुर्दशा हमारे देश को नहीं होता। मैं किसी राजनीति से प्रेरित होकर अपनी लेखनी को नहीं लिखी हूं जो आज देश के सामने इस वैश्विक महामारी में कितने तरह के महामारी उत्पन्न हो गई उससे प्रेरित होकर के मैंने अपनी कलम को रफ्तार दिया है। यह समय हमें एक दूसरे की कमियां निकालने में यूं ही व्यर्थ नहीं करना चाहिए।
आइए हम सब साथ मिलकर इस वैश्विक महामारी से लड़ें और विजय प्राप्त करें।


रवीश पाण्‍डेय की रिपोर्ट