बढ़ सकती है शहीदों की संख्या, चीन के साथ झड़प के बाद 4 जवानों की हालत गंभीर


भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी तनाव उस समय बढ़ गया जब 14-15 जून की रात चीनी सैनिकों ने गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों पर अचानक हमला कर दिया। दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं, जबकि चीन के 43 सैनिक मारे गए हैं। भारत के चार सैनिकों की हालत गंभीर है। आशंका जताई जा रही है कि शहीदों की संख्या 24 पहुंच सकती है। इसके बाद से पूरी दुनिया में भारत चीन के इस तनाव की चर्चा है। दिल्ली में मोदी सरकार एक्शन में हैं। हाईलेवल बैठकों का दौर जारी है और चीन को जवाब देने की रणनीति बनाई जा रही है। पढ़िए इसी से जुड़ी दिनभर की बड़ी खबरें


विपक्ष ने उठाए सवाल, राहुल गांधी ने पीएम मोदी से पूछा यह सवाल:


चीन के मुद्दे पर भले ही अमेरिका और कनाडा समेत अन्य देश भारत के साथ खड़े नजर आ रहे हैं, लेकिन देश का प्रमुख विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर पीएम मोदी से पूछा है कि आखिर वे चुप क्यों हैं और क्या छूपा रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि भारतीय सैनिकों की शहादत बहुत ही चौंकाने वाली, डरावनी और अस्वीकार्य स्थिति है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस घटना का पूरा ब्योरा मांगा है। उसने इस बारे में देश को विश्वास में लेने को कहा है। साथ ही जमीनी हालात की जानकारी सभी राजनीतिक दलों के नेतृत्व को देने की मांग की है। कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने भारतीय क्षेत्र में चीन के कब्जे की बात पर अब तक चुप्पी साध रखी है। उन्होंने कहा कि भारत के सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लद्दाख के गलवन और पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये पर भी उन्होंने मौन रखा है।


शिवाकान्‍त तिवारी