*गलवान विवाद: सेना को खुली छूट, खतरे में पड़ी जान तो अब कर सकते हैं फायरिंग*


●गलवान विवाद के बाद बदला नियम
●फायरिंग कर सकेंगे सेना के जवान

सलेमपुर, देवरिया। भारत चीन सीमा पर पिछले 15 जून को हुए झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों के शहादत के बाद केंद्र सरकार ने सेना को खुली छूट दे दी है. अगर सीमा पर चीनी सैनिक भारतीय सैनिकों की जान खतरे में डालते हैं तो भारतीय सेना फायरिंग करने से नहीं चूकेगी।
केंद्र सरकार ने संभावित खतरे की दशा में सेना को फायरिंग करने की अनुमति दे दी है। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एलएसी पर 20 जवानों की शहादत के बाद अगर जान का खतरा दिखे तो फील्ड कमांडर ऐसे रणनीतिक फैसले ले सकते हैं।
सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए  समाजसेवी व स्कॉलर्स पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य *सुनील पाण्डेय* ने कहा कि शहीदों की सहादत बेकार नही जाएगी।भारतीय जवानों का बलिदान देश की सुरक्षा में कील साबित होगा।वहीं आर एस एस के वरिष्ठ कार्यकर्ता *इन्द्रहास पाण्डेय* उर्फ *पप्पू पाण्डेय* ने कहा कि सरकार जवानों की सहादत को बेकार नही जाने देगी।देश अस्मिता पर उंगली उठाने वालों को कभी माफ नही किया जा सकता।केंद्र सरकार द्वारा सेना को दी गयी छूट इस बात का प्रमाण है कि किसी भी कीमत पर देश की सुरक्षा व जवानों की हिफाजत को लेकर सरकार गंभीर है।
दोनों देशों की ओर से तय किए गए प्रोटोकॉल के मुताबिक अब तक हथियारों का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित था. सूत्रों का दावा है कि अगर सैनिकों की जान खतरे में है, अगर चीनी सेना द्वारा उनके सामने प्राणों का संकट पैदा होता है तो ऐसे प्रोटोकॉल को नहीं माना जाएगा.
*प्राण का संकट हो तो कर सकते हैं फायरिंग*
सरकारी सूत्रों के मुताबिक अगर आत्मरक्षा के लिए फायरिंग की एकमात्र विकल्प हो तो किसी भी तरह के प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाएगा. गलवान में 20 जवानों की शहादत के बाद देश में विवाद पैदा हो गया था कि हथियार रखने के बावजूद भी भारतीय सेना के जवानों ने चीनी सेना के साथ झड़प में हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया.
*चीनी सेना ने इस्तेमाल किए थे हथियार*
चीनी सेना के जवान लोहे के कटीली तारों से बने हथियारों से लैस थे और उन्होंने पत्थरबाजी से भी भारतीय सेना के जवानों को क्षति पहुंचाई थी. रविवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के सैन्य प्रमुखों और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ बैठक बुलाई. इस बैठक में एलएसी की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया गया और सेना की तैयारियों पर भी बातचीत की गई.
सूत्रों ने कहा, 'यह एक बार फिर से स्पष्ट किया गया कि सेना को खुली छूट दी गई है, वे चीनी उकसावे के खिलाफ सभी रणनीतियों का इस्तेमाल कर सकती है.'
*अलर्ट पर हैं तीनों सेनाएं*
20 सैनिकों की शहादत के बाद से ही भारत की तीनों सेनाएं ऑपरेशन मोड पर हैं, साथ ही किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. थल सेना, वायुसेना और जल सेना तीनों सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं. रक्षा मंत्रालय लगातार पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है।


_संकृत्यायन रवीश पाण्डेय_