एक सुकून की तलाश में
न जाने कितनी बेचैनियां पाली
और लोग कहते है हम बड़े हो गए
और हमने जिंदगी संभाल ली
बचपन में सबसे अधिक पूछा गया
बड़े होकर क्या बनना है
अब जाकर जवाब मिला
हमें फिर से बच्चा बनना है
लेखिका बीना मिश्रा
एक सुकून की तलाश में
न जाने कितनी बेचैनियां पाली
और लोग कहते है हम बड़े हो गए
और हमने जिंदगी संभाल ली
बचपन में सबसे अधिक पूछा गया
बड़े होकर क्या बनना है
अब जाकर जवाब मिला
हमें फिर से बच्चा बनना है
लेखिका बीना मिश्रा