_पौधरोपड़ दुनिया का सबसे पवित्र कार्य_
सलेमपुर, देवरिया। बढ़ता प्रदूषण पर्यावरण के साथ साथ मानव जीवन को संकटग्रस्त करता जा रहा है।वृक्षारोपड़ से जहाँ पर्यावरण सुरक्षित होता है वहीं मनुष्य की आवश्यक्ता भी पूरा होता है।उक्त बातें विकास खंड लार के संजाव निवासी प्रेम नारायण दुबे उर्फ पप्पू ने कहा।उन्होंने कहा कि अपने पूर्वजों द्वारा लगाए गए बगीचे को आज साफ किया जा रहा है।पुराने बाग बगीचे आज न के बराबर हो गए हैं।लेकिन उसके जगह पर नए पेड़ नही लगाया जा रहा है,जिससे पर्यावरण को खतरा बढ़ता जा रहा है।
प्रेमनारायण दुबे ने कहा कि मेरे बाप दादा के द्वारा लगाया गया बाग बगीचे आज उजड़ गए हैं,लेकिन उसके स्थान पर मैने कुछ आम के पौधे लगा दिए जो आज छाया देने के साथ साथ फल फूल भी प्रचुर मात्रा में दे रहे हैं।उन्होंने अपने बगीचे को घुमाते हुए सभी पेड़ों को दिखाया और पेड़ों पर लटक रहे ताजे फल का स्वाद भी चखाया।
पर्यावरण के प्रति इनकी संजीदगी देखकर गांव के दूसरे लोग भी वृक्षारोपड़ करना शुरू कर दिए हैं।जो पर्यावरण को स्वस्थ रखने में सहायक सिद्ध होंगे।प्रेम नारायण दुबे का प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है जो मानव जीवन के कारक पर्यावरण को सुरक्षित रखने में लाभकारी सिद्ध होगा।
*संकृत्यायन रवीश पाण्डेय*