*बेटियाँ पापा की परियां........*

_भला कौन है इस दुनिया मे जो आपकी तरह बन पाएगा_
_कौन है जो हम पे बेपनाह प्यार लुटायेगा_
_कौन है जो हमारी जिंदगी के लिए अपने शौक भुलायेगा_
_कोई भी तो रिश्ता नही जो हमें परियों की तरह रख पायेगा_
_अपनी पलकों पर बैठाए अपनी आँखों मे बसाए_
_हमारी जिंदगी बनाने के लिए अपना सबकुछ लुटाया_
_हमारी खुशी ही सबकुछ हमारी हंसी ही सबकुछ_
_कौन है जो हमारी एक मुश्कान के लिए पूरी दुनिया से लड़ जाएगा_
_कोई भी तो रिश्ता नही जो हमें परियों की तरह रख पायेगा_
_दोस्तों के घर पर उनके पापा को देखा है_
_मैं खुशकिस्मत हूँ जो मेरा जन्म आपके पास हुआ_
_आपको तो मैंने बस हम पर प्यार लुटाते देखा है_
_कौन है जो हमको बस खुशियां ही खुशियां दे पाएगा_
_कोई भी तो रिश्ता नही जो हमें परियों की तरह रख पाएगा_
_लोगों ने बेटियों को सिखाया की जिंदगी में सहते रहो_
_पर आपने बताया कि जो दिल कहे ओ सही है बस वही करते रहो_
_रिश्ते सम्हालने के लिए कभी कभी चुप रहना पड़ता है_
_अपने हक के लिए लड़ना भी चाहिए_
_पर जिंदगी बिंदास जीते रहो_
_इस तरह से भला कौन हमें जिन्दगी जीना सीखा पायेगा_
_कोई भी तो रिश्ता नही जो हमें परियों की तरह रख पायेगा_



*लेखिका कृतिका पाण्डेय*