कलयुग के करोना काल में सूना सूना रहा अश्वत्थामा की तपोस्थली दीर्घेश्वरनाथ मंदिर



-अरविन्द पाण्डेय द्वारा


सलेमपुर के उपनगर मझौली में स्थित भगवान शिव का महाभारत कालीन मंदिर दीर्घेश्वरनाथ मंदिर कोरोना काल में पूर्णरूपेण शासन के आदेश का पालन करते हुए बन्द रखा गया है। अश्वस्थामा की तपोस्थली रही भगवान शिव का यह मंदिर शासन द्वारा पर्यटक स्थल घोषित है। सालों साल यहां भक्तों व श्रद्धालुओ का तांता लगा रहता है।खासकर सावन महीने में तो यहां पैर रखने की जगह मिलती है लेकिन करोना के बढ़ते संक्रमण के चलते देश भर के मंदिरों में ताला लटक रहा है। दीर्घेश्वरनाथ मंदिर में भी भक्तों व श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है।


पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत काल महान योद्धा अश्वस्थामा यहाँ भगवान शंकर की कभी आराधना करता था। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर का दरवाजा सुबह जब पुजारी खोलते थे तो वहाँ पुष्प आदि पहले से भगवान पर चढ़ा हुआ मिलता था।इस मंदिर में पूजा अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं का अटूट विश्वास है।यहाँ अपनी मनोकामना पूरी होने के लिए लोग सालों साल दर्शन और पूजा करते रहते है।


यही से कुछ दूर आगे स्थित भगवान शंकर का ही मंदिर सोहगरा धाम स्थित है जहाँ के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहाँ बाणासुर जैसा योद्धा कभी शिव की आराधना करता था।आज यहां भी करोना कहर के चलते मंदिर परिसर में ताला लटक रहा है।सावन मास में भगवान शिव की आराधना पूरे मनोयोग के साथ लोग करते है,लेकिन इसबार करोना महामारी के चलते भक्त अपने घरों में ही शिव की आराधना कर रहे हैं।