*कोरोना कहर मे प्राइवेट शिक्षकों सहित मध्यम वर्गीय लोगों के सामने गहराया आर्थिक संकट*


_शिक्षण संस्थान बन्द रोजगार ठप,लोग बेबस_


*सांकृत्यायन रवीश पाण्डेय*


सलेमपुर,देवरिया। बढ़ते कोरोना कहर के चलते शिक्षण बन्द पड़े हैं सरकारी अध्यापकों के खाते में सरकार वेतन तो दे रही है लेकिन प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है।कोचिंग संस्थान में पढ़ाने वाले लोग हों या घर घर जाकर टीयूसन पढ़ाने वाले लोगों को कोरोना के चलते भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।


सरकार द्वारा उज्ज्वला गैस योजना के अंतर्गत कनेक्सन धारकों को मुफ्त गैस सिलिंडर,मनरेगा मजदूरों के खाते में सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग तथा महिला जनधन खाता धारकों के खाते में 500 रुपये प्रति माह आर्थिक सहयोग दिया जा रहा और निःशुल्क राशन देकर लोगों को सरकार द्वारा राहत दी जा रही लेकिन मध्यम वर्ग के लोगों सहित प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले लोगों को सरकार द्वारा किसी प्रकार का आर्थिक सहयोग नही दिया गया जिस कारण पिछले लगभग पांच महीने से संस्थानों के बन्द होने से अब इनके सामने भारी मुसीबत बढ़ती जा रही है।लेकिन केन्द्र या राज्य की सरकार द्वारा इस वर्ग के लिए कोई घोसड़ा न होने से इनके मन में भारी असंतोष भरा हुआ है।