लगातार बारिश से जनजीवन के साथ किसानों पर भी संकट गहराया : अरविन्द पाण्डेय


पिछले दो सप्ताह से लगातार बारिश से जनजीवन थम सा गया है,लोग और उनसे संवंधित क्रिया कलापों और जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है नदियों और उससे जुड़ी हुई सहायक नदियों में  जल का स्तर काफी बढ़ सा गया है जिससे तटवर्तीय गावों में फसल पर बुरा असर पड़ा है जिसके कारण भविष्य मेंकिसानों को भूखे मरने की नौबत आ सकती है 


कोइलार एक सहायक नदी है जो इस समय उफान पर है जिसके चलते इस इलाके के हज़ारों एकड़ रोपी हुई धान की फसल और गन्ने की फसल डूब गई है इस बाढ़ का कहर चन्दपार ,घुसरी, श्रीराम कोडरा,भार्गव कोडरा,पिवकोल बिंदवालियामिश्र,नोनियछापर गाँव की हज़ारों एकड़ फसल इस बाढ़ की कारण बर्बाद हो चुकी है ,भार्गव कोडरा निवासी संतोष तिवारी जी ने फ़ोन पर बताया कि मेरा लगभग 5 एकड़ गन्ने की और  3 एकड़ धान की  फसल इस बाढ़ के कारण बर्बाद हो चुकी है एक तो करोना के वजह से लोगो को काम काज का संकट पड़ा है दूसरा ये बाढ़ के कारण फसल का खराब हो चुकी है ये दोहरा मार किसानों की हुई, अभी तक सरकार के माध्यम से इनको कोई भी सहयोग का आश्वसन नही मिला है बिंदवालिया निवासी श्री विनोद मिश्र का लगभग 10 एकड़ भूमी जलमग्न हो गया है जिसमे धान व गन्ना की अच्छी फसल होने की संभावना है श्री मिश्र ने बताया कि करोना की वजह से काम काज बन्द पड़ गया है जिससे इस वर्ष अपने गाँव मे रहकर अच्छी फसल उगाने के प्रयत्न किया था लेकिन इस बाढ़ के कारण सब बर्बाद हो गया है वही इनरहा निवासी रूदल यादव जी ने कहा है कि इन्होंने इस वर्ष 4 एकड़ में सब्जी लगाया था काफी मेहनत करके नीलगायों के बाड लगाकर बचाने का प्रयास किया पर बाढ़ के कारण इनकी सारी सब्जी की फसल जलमग्न हो गयी है 
खबर लिखे जाने तक जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है