चिकित्सक सामान्य बुखार के मरीजों का भी नही कर रहे इलाज


_मरीजों को लेकर दर-दर भटक रहे तीमारदार_


_इलाज के अभाव में मर रहे लोग_


_प्रभावशाली लोगों को भी नही मिल पा रहा इलाज_


*रवीश कुमार द्वारा*


सलेमपुर,देवरिया। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच सामान्य बुखार से पीड़ित लोगों को उनके तीमारदार लेकर इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं लेकिन सरकारी या प्राइवेट चिकित्सक इलाज करने को किसी भी हाल में तैयार नही हो रहे हैं।वर्तमान मौसम जुलाई से सितंबर तक वाइरल तथा टायफाईड बुखार के लिए अनुकूल माना जाता है,जिसके चलते भारी संख्या में लोग इस तरह के बुखार से ग्रसित होते जा रहे हैं।लेकिन ज्वर से पीड़ित लोगों का बिना जांच किये चिकित्सक किसी भी हाल में इलाज देने को तैयार नही हैं।सांस के मरीजों (अस्थमा) का समुचित इलाज न मिल पाने से तेजी से मर रहे हैं।


सलेमपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात चिकित्सक बुखार के मरीजों को दुत्कार दूर से ही भगाते हुए रेफर कर दे रहे हैं।और मरीज सलेमपुर,देवरिया तथा गोरखपुर में जाकर सरकारी व प्रवईवेट डाक्टरो का चक्कर लगाते लगते एम्बुलेंस में ही दम तोड़ दे रहे हैं।सलेमपुर तहसील क्षेत्र के माझ्वलिया नम्बर दो के ग्राम प्रधान मनोज पांडेय पिछले पांच दिन पहले समुचित इलाज न मिल पाने के कारण चार घंटे तक एम्बुलेंस से अस्पताल व नर्सिंग होम का चक्कर लगाते लगाते दम तोड़ दिए।इसी तरह शिक्षक मनोज सिंह,तहसील कर्मी नरेंद्र श्रीवास्तव उर्फ गुड्डू,अवकाश प्राप्त शिक्षक रामप्रीत गुप्ता,किसान अच्युतानंद पांडेय इलाज के अभाव में मर गए।ऐसे दर्जनों लोग रोज इलाज के अभाव में मर रहे हैं लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते इस तरह की मौतें आम बात होती जा रही है।


जब इस संदर्भ में आर एस एस के वरिष्ठ स्वयं सेवक इन्द्रहास उर्फ पप्पू से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि संघ के स्वयं सेवकों ने इसे गंभीरता से लिया है तथा समस्या के समाधान के लिए सरकारी तथा गैर सरकारी माध्यमो से प्रयास किया जा रहा है।संघ के स्वयं सेवक सरकारी अस्पताल तथा प्राइवेट नर्सिंग होम के असपास इस तरह के मरीजों के सहयोग में लगे हुए हैं।