कोरोना के भ्रमजाल में फंसे विश्व के अनेक देश-सुनील पांडेय


_डब्लू एच ओ के बदलते बयान से आम आदमी भ्रमित_


*रवीश कुमार द्वारा*


सलेमपुर,देवरिया। डब्लू एच ओ विगत महीनों से कोरोना से बचाव हेतु एन 95 मास्क अनिवार्य किया था लेकिन इधर कुछ दिनों से अपने बयान में बदलाव लाते हुए एन 95 मास्क के जगह पर कोई भी सामान्य मास्क प्रयोग करने की बात कर रहा है।इसी तरह सामुदायिक संक्रमण को लेकर डब्लू एच ओ द्वारा जो भविष्यवाणी की गयी थी वह भारत के परिप्रेक्ष्य में मिथ्या साबित हो रहा है।इतनी बड़ी आबादी वाले देश मे सामुदायिक संक्रमण न होना कोरोना के भ्रम के ही सिद्ध करता है।उक्त बातें नगर के समाजसेवी सुनील पाण्डेय ने कही।आगे उन्होंने कहा कि बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज कोरोना के प्रसार में ज्यादा घातक साबित हो रहे हैं यह बात भी मिथ्या साबित हुयी।इसी तरह पी पी कीट से कोरोना का बचाव सम्भव नही है जबकि डब्लू एच ओ द्वारा पी पी कीट को अनिवार्य रूप से पहने को कहा गया था।डब्लू एच ओ का यह कहना कि बिना लक्षण का कोरोना ए सिंटोमेटिक है जबकि कोई भी बीमारी बिना लक्षण का होता ही नही फिर यह कोरोना भ्रम नही तो और क्या?


कहीं ऐसा तो नही कि चीन के प्रभाव में आकर चीनी उत्पादों को बेचने हेतु कोरोना का भय दिखाकर आमजनमानस को चीन के उत्पादों को खरीदने हेतु विवश तो नही किया जा रहा।बीमारी निश्चित रूप से गंभीर विषय है भारत मे अनेक अनुभवों के आधार पर आयुष मंत्रालय के निर्देशों का पालन करते हुए दो गज की दूरी व कपड़े का बना हुआ स्वदेशी मास्क तथा गमछे का प्रयोग करें और काढ़ा आदि का प्रयोग कर इम्युनिटी बढ़ाएं।