महराजगंज जिले के पश्चिमी छोर पर फरेंदा तहसील मुख्यालय से आठ किमी दूर स्थित लेहड़ा देवी का मंदिर लोगों के आस्था का केंद्र है। आज नवरात्रि के पहले दिन इस मंदिर में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया है।
महराजगंज। आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है। इस मौके पर मंदिर में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया है। जिले के पश्चिमी छोर पर फरेंदा तहसील मुख्यालय से आठ किमी दूर स्थित लेहड़ा देवी के मंदिर में लोगों ने आना शुरू कर दिया है।
*पौराणिक मान्यता*
शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध दिव्य फलदायिनी लेहड़ा देवी के संबंध में कई प्रचलित पौराणिक संदर्भो के अनुसार इस मंदिर की स्थापना पांडवों ने अज्ञातवास के समय की थी। मान्यता के अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर ने इसी स्थान पर यक्ष के प्रश्नों का सही उत्तर देकर अपने चारों भाइयों को पुनर्जीवित किया था। बाद में पांचों भाइयों ने यहां पीठ की स्थापना कर पूजा अर्चना प्रारम्भ की। एक अन्य कथा के अनुसार देवी अपने मूल स्थान से प्रतिदिन नदी पार कर पौहारी बाबा के दर्शन के लिए जाती थीं। एक दिन नाविक की नीयत पाप से ग्रस्त हो गई। नाव जैसे ही धारा में पहुंची, मां ने नाविक को अपने विकराल रूप का दर्शन कराया। मां के कोप से नाविक सहित नाव जल में विलीन हो गई। ऐतिहासिक तथ्यों पर गौर करें तो चीनी यात्री ह्वेन सांग ने भी अपने यात्रा वृत्तांत में इस देवी स्थल का उल्लेख किया है।
*पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के श्रद्धालु भी मां का करते हैं दर्शन*
पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के साथ ही विभिन्न जनपदों के श्रद्धालु मां का दर्शन व पूजन करते हैं। शारदीय नवरात्र में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटती है। वैसे तो मंदिर परिसर में वर्ष भर मुंडन, जनेऊ, कथा आदि का आयोजन होता रहता है।