(दोपहर से लग रहा था कुछ छूट रहा है - अभी याद आया कि अरे, आज रेखा जी तो रह ही गयीं ; रेखा जी, खूब जीएं और ऐसी ही बनी रहें हमेशा !! अब इस समय नया कुछ लिखने का वक़्त नहीं बचा इसलिए पुराना ग्रीटिंग कार्ड एक बार पुनः - यूं भी न आप पुरानी हो सकती हैं न आपकी मौलिकता फिर हम ही क्यों बदलें !! )
#रेखा_एक_दृष्टि_हैं ।
उन कैरियरिस्ट और चतुर बच्चों को दूर से ही भांप लेती है जो सारी उछलकूद और अपनी पारी खेलने के बाद जैसे ही खुद का नम्बर आता है वैसे ही बिसूरकर कहते है "नईं अब हम नईं खेलेंगे, मम्मी नाराज होंगी "। बाकियों का सबकुछ खर्च करा लेने के बाद, अपने पैसे छुपा लेते हैं, खोज लिए जाने पर कहते हैं, "ये तो दादी की दवा के पैसे हैं ।" इस डेढ़ स्यानपट्टी से चिढ़ने की बजाय उनकी आंखें मुस्कुरा कर कहती हैं : " रहन दे, तुझ पै नही हो पायेगा प्रेम-व्रेम 😊😊 जा घर जाके ब्रश करके सो जा बबुआ ।"
#रेखा_एक_इस्तगासा_हैं ।
एक जीतीजागती चार्जशीट । उस मुकद्दमे की जो उसके ख़िलाफ़ नहीं जो उनके लायक नहीँ था, उन सबके खिलाफ है जो उनके साथ नहीँ है । उनकी मौजूदगी ही उनकी पैरवी है । इस कदर प्रभावी और तेजस्वी कि शहंशाह की झुकी और शर्मसार नजरों के रूप में कन्विक्ट की शिनाख्त परेड भी करा जाती हैं ।
#रेखा_एक_व्यक्तित्व हैं,
सचमुच की असाधारण शख्सियत । विक्टिम सिंड्रोम से मीलों दूर, ''हाय मर जायेंगे - हाय लुट जायेंगे'' के रुदाली रुदन से परे - खुद के किये के लिए किसी हतभाव या मलाल, शिकवे और शिकायत के बिना । उनकी यह ताब जिन्हें डराती है वे औरत को विछोह के अवसाद और अनकिये के पश्चाताप में देखना चाहने वाले पुरुषसत्ताक, मर्दवादी मनोरोगी हैं । इनकी कारगर एन्टी डोज हैं वे ।
#रेखा_गरिमामय_स्त्रीत्व_की_सुप्त_ज्वालामुखी हैं ।
उन्होंने डर्टी पिक्चर की नायिका का अंत चुनने की बजाय तटस्थ मौजूदगी भर से महानायक की पिक्चर डर्टी कर दी । बाकियों को भी खुद के अंदर झांकने पर विवश कर दिया । वे विरह का उत्सव हैं , सशरीर !!
#रेखा_एक_आईना हैं ।
जिसमें, उनकी कहानी के जरिये, दुनिया के उन पुरुषों-महापुरुषों की कायरता का प्रतिबिम्ब दिखता है जिनके लिए मोहब्बत स्त्री देह पर इबारत की तरह लिखे लाभ-हानि के गणित से आंके जाने वाले फ़्लर्ट से अधिक कुछ नही है ।
#रेखा_से_अपना_लेनादेना उनके अभिनय और कमाल के नृत्य के प्रशंसक के अलावा इतना और है कि वे हमसे कुछ महीने बड़ी हैं और इस तरह आयु की वर्षों के मनोवैज्ञानिक बोझ से निवृत्त कर देती हैं । युवा बनाये रखती हैं ।
#हैप्पी_बर्थडे रेखा गणेशन वन ऑफ द मोस्ट आउटस्टैंडिंग एन्ड सेल्फ मेड पर्सनालिटी ऑफ बॉलीवुड !!
(🔵🔵 2018 में सीधी जिले के गांवों में लिखा था यह ग्रीटिंग कार्ड : 2 साल में न रेखा जी मे कोई बदलाव आया, न इस पोस्ट पर मिली एकाध झिड़की के बावजूद हमारे नजरिये में कोई तब्दीली आयी ; इसलिए #पुनर्पोस्ट ।)