लखनऊ। कोरोना संक्रमण के दौरान दो शिफ्ट में चल रही कक्षाओं को लेकर शिक्षकों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों पर उप मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा में दो शिफ्ट की पढ़ाई अस्थायी है। प्राचार्य यह ध्यान दें कि शिक्षक निर्धारित पीरियड ही पढ़ाएं। एक शिक्षक को एक दिन में एक ही विषय दो बार न पढ़ाना पढ़े शिक्षकों के अधिकारों का अतिक्रमण न हो।
शिक्षक दिवस पर रविवार को सीएमएस गोमती नगर में माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक, राज्य अध्यापक, मुख्यमंत्री अध्यापक व जिले के शिक्षकों के सम्मान समारोह में शिक्षकों को सम्मानित करने के बाद डॉ. शर्मा ने कहा है कि समय से क्लास लेने वाले अनवरत विद्यार्थी बने रहने वाले व हमेशा सीखने वाले ही श्रेष्ठ शिक्षक होते हैं। हमें ऐसे ही शिक्षक तैयार करने होंगे।
उन्होंने बताया कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने में यूपी अग्रणी प्रदेश रहा है। हमने रोजगार परक पाठ्यक्रम तैयार किया है। यह हमारी सफलता ही है कि आज अमेरिका व आस्ट्रेलिया भी प्रदेश में ऑफ कैंपस खोलने के इच्छुक हैं। इससे विद्यार्थियों का पलायन रुकेगा। कार्यक्रम में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी, विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा शंभू कुमार नेहा प्रकाश, उदयभान त्रिपाठी, जय शंकर दुबे, विनय कुमार पांडेय आदि उपस्थित थे ।
संस्कृत शिक्षा पर जोर : डॉ. शर्मा ने कहा कि संस्कृत की पढ़ाई के लिए भी काम किया जा रहा है। जल्द ही इनके खाली पद भरे जाएंगे। संस्कृत निदेशालय के लिए भी पैसा स्वीकृत हो गया है। संस्कृत के विद्यार्थियों को निशुल्क किताबें देने का प्रस्ताव है। इनके विद्यार्थियों को भी माध्यमिक के विद्यार्थियों की तरह पुरस्कार दिया जाएगा। कार्यक्रम में डॉ. शर्मा ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित रामपुर की सहायक अध्यापिका तृप्ति माहौर व औरैया के सहायक अध्यापक मनीष कुमार को सम्मानित किया। साथ ही राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019, मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार 2019 के लिए चयनित व जिले के माध्यमिक शिक्षा विभाग के 75 शिक्षकों को अंग वस्त्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।डॉ. शर्मा ने घोषणा की कि राजकीय शिक्षकों के अवकाश अब मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन स्वीकृत किए जाएंगे। इसे अब संयुक्त शिक्षा निदेशक स्वीकृत करेंगे। वित्तविहीन विद्यालयों के अंशकालिक शिक्षकों की परिलब्धियों का भुगतान प्रबंध तंत्र द्वारा संबंधित के खाते में कराया जाएगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालय के शिक्षकों की शिकायतों का निस्तारण भी ऑनलाइन होगा। उन्हें विभागों के चक्कर नहीं काटने होंगे। अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय के शिक्षकों को ग्रेच्युटी दी जाएगी। राजकीय व शासकीय महाविद्यालयों में नियमित शिक्षक पीएचडी कर सकेंगे। स्ववित्तपोषित कॉलेजों के उन शिक्षकों, जिनकी मृत्यु कोविड की वजह से हुई, उन्हें सहायता देने पर भी विचार चल रहा है।
यूपी में सरकारी शिक्षकों की तरह ही प्राइवेट शिक्षकों को भी एक सुविधा मिलने जा रही है। इसके बाद से प्राइवेट शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। डिप्ट सीएम दिनेश शर्मा ने रविवार को शिक्षक दिवस के मौके पर घोषणा की। डिप्टी सीएम ने इसके अलावा भी कई घोषणाएं की हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी वित्त विहीन माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को वेतन का भुगतान अब उनके बैंक खाते में कराया जाएगा। प्रबंध तंत्र द्वारा उन्हें कम वेतन दिए जाने की शिकायतों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। डॉ. शर्मा गोमती नगर स्थित सिटी मांटेसरी स्कूल के सभागार में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में बोल रहे थे। इस मौके पर उन्होंने राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त प्रदेश के दो शिक्षकों, वर्ष 2019 में राज्य अध्यापक पुरस्कार व मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार प्राप्त करने वाले 17 शिक्षकों तथा उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में चयनित जिले के 75 शिक्षकों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि वित्त विहीन विद्यालयों में फीस से होने वाली आय का 80 फीसदी हिस्सा वेतन मद में व्यय किए जाने की व्यवस्था है।अक्सर ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि इन विद्यालयों के शिक्षकों को कम वेतन दिया जाता है और नियमित रूप से नहीं दिया जाता है। खाते में वेतन भुगतान की व्यवस्था होने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से मृत वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने पर भी विचार किया जा रहा है। जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।उन्होंने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को पदोन्नति देने के निर्देश भी दिए गए हैं। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों का अवकाश (चिकित्सा अवकाश, मातृत्व अवकाश व बाल्य देखभाल अवकाश) अब मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन स्वीकृत किया जाएगा।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों को अब भी राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों की तरह सुविधाएं दी जाएंगी।
शिक्षक के सेवाकाल में दिवंगत होने पर उसके आश्रित को नौकरी दी जाएगी। यह सुविधा पहले नहीं थी। संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पद भी भरे जा रहे हैं। कोरोना काल में आनलाइन शिक्षण के लिए शिक्षकों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने साढ़े चार में अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं।इससे पहले माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी ने भी शिक्षकों को संबोधित किया। समारोह में आए शिक्षकों का स्वागत विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा शंभु कुमार ने किया।*