राजनिती एक संघर्ष है इसे अपने जीवन से ज़ोड़ना चाहिये : श्रीनाथ तिवारी


देवरिया  जिले  के  समाजसेवी  श्रीनाथ तिवारी  ने  एक  प्रेस वार्ता मे  कहा कि मनुष्य  के  जीवन में समाजिक धरातल पर बदलाव लाने के लिए राजनीति सबसे सशक्त माध्यम है. राजनीति के द्वारा हम समाज के दबे-कुचले लोगों और उपेक्षित समुदायों को ऊपर उठाते हुए सामाजिक-आर्थिक विषमताओं को दूर करने का भरपुर  प्रयास कर सकते है. एक व्यापक बदलाव लाने का जो कार्य, बड़े से बड़े वेतन वाली प्रतिष्ठित नौकरी करके भी नहीं किया जा सकता है, उसे राजनीति के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है. राजनीति हमें सामाजिक न्याय के ऐसे बदलाव का सजग प्रहरी बना सकती है जो समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए अत्यन्त आवश्यक है.

इसमें कोई दो राय नहीं है कि राजनीति के क्षेत्र में किया जाने वाला संघर्ष बिल्कुल वैसा ही है, जैसा हीरा चमकाने के लिए एक जौहरी को करना पड़ता है. इस संघर्ष के साथ ही यह आवश्यक होता है कि मन में समर्पण एवं विशुद्ध सेवा की भावना रखते हुए ही, समता के मौलिक अधिकार को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा जाए. जब भी राजनीति में एक व्यक्ति की कीमत, मात्र एक वोट के आधार पर तय होने लगती है तो राजनीति पथभ्रष्ट एवं दिग्भ्रमित हो जाती है. सामाजिक सरोकार के अपने मूल उद्देश्य से हटते ही राजनीति, मात्र वोट बटोरने का एक साधन बनकर रह जाती है और विभाजन एवं विद्वेष करने लगती है. ऐसे में ये सेवा करने का माध्यम न रहकर, सत्ता पाने का अवसर मात्र रह जाती है. सत्ता पाने का अवसर बनते ही राजनीति, समान रूप में सभी नागरिकों को लाभ नहीं दे पाती है और इसके दुष्प्रभाव, समाज और राष्ट्र के हितों पर पड़ने लगते हैं.जो  समाज के  लिये  घातक  साबित हो  सकता है।  मैं  राजनिती  को  अपने  समाजसेवा  से  जोड़कर  चलता  हूँ  राष्ट्र व  क्षेत्र  का  विकास  समाजसेवा  से  ही  संभव  है  l