निषादों के गढ़ में इस बार कौन मारेगा बाजी?

 


रुद्रपुर विधानसभा सी देवरिया जिले की रुद्रपुर सीट पर निषाद निर्णायक भूमिका में रहते हैं। यहां हर पांच साल में कोई दूसरी पार्टी जीत जाती है, ऐसा ट्रेंड रहा है।

देवरिया। उत्‍तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से देवरिया की रुद्रपुर सीट 336वें नंबर पर आती है। यह सीट बांसगांव लोकसभा क्षेत्र के भीतर आती है। साल 2017 से इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के जय प्रकाश निषाद का कब्‍जा है। उन्‍होंने पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह को 26,789 वोटों के अंतर से हराया था।

रुद्रपुर विधानसभा में ब्राहमण चेहरा यदि सपा उतार देती है तो यह सीट  भाजपा के मंत्री जयप्रकाश निषाद  के जीत के लिये मुश्किल क़र देगा  चुनावी गणीत मे  भाजपा के लिये यह सीट एक बड़ी भूमिका बना हुआ  है क्योकि सपा के राष्ट्रीय  अध्यक्ष अखिलेश  यादव ने प्रबुद्ध  समाज  को  जोड़  दिया  है बात किया जाय  तो  सपा  से श्री नाथ  तिवारी को प्रबल दावेदार देख रही है सपा  से  खोखा  सिंह जी , और मुक्तिनाथ  यादव  के पूर्व के  चुनाव   मे हार  का  सामना  किया  है  इसलिए  सपा  से  श्री नाथ तिवारी को उम्मीदवार  बना सकती है 

रुद्रपुर सीट पर हर बार विधायक बदल जाता है। 2012 में यहां से कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह जीते थे जिन्‍हें 2017 में बीजेपी के जय प्रकाश निषाद ने हराया। उससे पहले बहुजन समाज पार्टी के सुरेश तिवारी रुद्रपुर से विधायक हुआ करती थी। 2002 के विधानसभा चुनाव में यह सीट सपा के खाते में चली गई।

इस सीट पर निषाद मतदाताओं का दबदबा है। इसके अलावा ब्राह्मण,भी  यहाँ एक बड़ा मतदाता है  क्षत्रिय, दलित, यादव और मुसलमान चौहान  भी एक निर्णायक जातियां हैं। ब्राहमण यहाँ चुनाव की गणित  बनाता  बिगाड़ता है 2007में बसपा से ब्राहमण  सुरेश तिवारी को जिताकर अपनी  ताकत  का  एहसास  कराया  था बरहज से  अभी  भाजपा  से वर्तमान  बिधायक सुरेश  तिवारी  है  यह इलाका अब भी पिछड़े क्षेत्रों में आता है। हर साल बाढ़ इस सीट के 50 से ज्‍यादा गांवों को प्रभावित करती है। बेरोजगारी के बिषय पर सपा नेता श्री नाथ तिवारी ने कहा की  मेरा सपना यहाँ की जनता के विकास के लिये है लघु  उद्योग  से बेरोजगारी दूर हो सकती  है मेरा प्रयास होगा की रुद्रपुर मे कोई नया प्रोजेक्ट हो जिससे रोजगार मिल सके  iजीवनयापन के लिए पलायन करना एक बड़ी समस्‍या है।बेरोजगारी की वजह भाजपा को जनता  मान रही है